नई दिल्ली. दिल्ली में शुक्रवार को हुई जीएसटी कॉउन्सिल की मीटिंग में कपड़े पर 1 जनवरी 2022 से 5 फीसदी के स्थान पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले को फिलहाल टाल दिया गया है. कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस निर्णय का देश भर के व्यापारियों की और से खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, इससे देश के लाखों कपड़ा और फुटवियर व्यापारियों को राहत मिलेगी, जो पिछले एक महीने से ज्यादा समय से बेहद तनाव की जिंदगी जी रहे थे.
जीएसटी कॉउन्सिल का यह निर्णय इस बात को दर्शाता है कि किस प्रकार देश के सभी राज्यों के राजनेता अफसरशाही के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं और कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके गुण-दोष पर विचार तक नहीं करते हैं, व्यापारियों एवं अन्य वर्गों से कोई सलाह मशवरा की बात तो बहुत दूर है.
कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है कि, जीएसटी के विभिन्न मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा करने, राजस्व में वृद्धि करने तथा जीएसटी का कर दायरा बढ़ाने के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड की अध्यक्षता में एक 'टास्क फॉर्स' का गठन किया जाए, जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित व्यापार के प्रतिनिधि भी शामिल हों.
इससे पहले तमाम कपड़ा व्यापारियों ने दिल्ली, सूरत, मुंबई, कोयम्बटूर, तिरुपति, श्रीनगर, भोपाल, ग्वालियर, रायपुर, नागपुर, लखनऊ, कानपुर, आगरा आदि शहरों में 30 दिसंबर को अपना व्यापार बंद रखा था.
दरअसल वर्तमान में मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत, एमएमएफ यार्न पर 12 प्रतिशत है, जबकि कपड़े पर 5 प्रतिशत की दर से लागू होती है. परिषद ने बीते 17 सितंबर को संपन्न हुई, अपनी पिछली बैठक में फुटवियर और कपड़ा क्षेत्रों में जीएसटी दर के ढांचे में बदलाव का फैसला किया था.
GST Council: GST will not increase on clothes, CAT welcomes
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