भारत में महंगाई और बढ़ने की आशंका, क्या है वजह?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 17-07-2022
भारत में महंगाई और बढ़ने की आशंका, क्या है वजह?
भारत में महंगाई और बढ़ने की आशंका, क्या है वजह?

 

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
 
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जुलाई 2022 बुलेटिन में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था के बारे में संकेत हैं कि भारत में मुद्रास्फीति और बढ़ेगी. 2022-23 की चौथी तिमाही तक यह 6 पर वापस आ जाएगी.
 
बयान में कहा गया है कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति नियंत्रण में है. लगातार बढ़ रही महंगाई को दो साल के भीतर लक्ष्य (4 फीसदी) पर वापस लाया जा सकता है.
 
जुलाई 2022 के बुलेटिन के अनुसार मौद्रिक नीति से महंगाई पर काबू पाया जा सकता है. जब भी भारतीय अर्थव्यवस्था को खतरा होता है, भारतीय अर्थव्यवस्था की रक्षा में आरबीआई अपनी शक्तियों के साथ खड़ा होता ह।. उसका मुकाबला करता है.
 
बुलेटिन के मुताबिक महंगाई के चरम पर पहुंचने के संकेत हैं. जैसा कि मौद्रिक नीति अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए काम करती है और मुद्रास्फीति 2022-23 की चौथी तिमाही तक फिर से कम हो सकती है.
 
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, हम उम्मीद करते हैं कि भारत में आवश्यक मौद्रिक नीति उपाय दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में अधिक उदार होंगे और हम दो साल के भीतर मुद्रास्फीति को लक्ष्य पर वापस लाने में सक्षम होंगे.
 
गौरतलब है कि जुलाई 2022 का बुलेटिन आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा और अन्य सहायकों द्वारा तैयार किया गया है. इसने यह भी कहा कि मुद्रास्फीति की सबसे खराब दर हमसे आगे निकल सकती है.
 
जून में लगातार दूसरे महीने मुद्रास्फीति अपरिवर्तित रही. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं भी महंगाई का सामना कर रही हैं.
 
भारत में खुदरा मुद्रास्फीति जून के दौरान 7.01 प्रतिशत रही, जो मई में दर्ज 7.04 प्रतिशत से थोड़ा कम है. यह लगातार छठा महीना है जब महंगाई दर ऊंची रही है. जून 2022 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की दर 7.09 प्रतिशत थी, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 6.92 प्रतिशत थी.
 
हालांकि यह लगातार दूसरा महीना है जिसमें पिछले महीने की तुलना में महंगाई में मामूली गिरावट देखने को मिली है. अप्रैल में महंगाई दर 7.79 प्रतिशत थी जो मई में घटकर 7.04 प्रतिशत और अब जून में 7.01 प्रतिशत हो गई है.