आर्थिक सुधार सरकार के लिए मजबूरी नहीं दृढ़ विश्वास का मामला हैः मोदी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-08-2021
नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

 

नई दिल्ली. यह देखते हुए कि सुधार एक मजबूरी नहीं है, बल्कि सरकार के लिए दृढ़ विश्वास है, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पूर्वव्यापी कराधान को दूर करने के केंद्र के फैसले से सरकार और उद्योगों के बीच विश्वास मजबूत होगा.

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक बैठक 2021 को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने उद्योग से भारत के विकास और क्षमताओं के लिए विश्वास के माहौल का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा, “सुधार मजबूरी नहीं हैं, सुधार हमारे लिए दृढ़ विश्वास हैं. हमने संसद के इस सत्र में ऐसे विधेयक पारित किए हैं, जो देश के विकास की गति को गति देंगे. हमारी अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है. उद्योग भारत की विकास गाथा का एक प्रमुख हिस्सा है. आप सभी के प्रयासों से, भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर गति पकड़ रही है. शायद ही कोई दिन होता है जब कोई सीईओ बयान जारी नहीं करता है या नए अवसरों पर कोई रिपोर्ट नहीं होती है.”

उन्होंने संसद के मानसून सत्र के दौरान 9 अगस्त को पूर्वव्यापी कराधान को रद्द करने के लिए विधेयक पारित करने का हवाला दिया.

पीएम मोदी ने कहा,  “हमने अतीत में की गई गलती को सुधार लिया है और पूर्वव्यापी कराधान को दूर करने का फैसला किया है. उद्योग सरकार के इस फैसले की प्रशंसा कर रहा है और मुझे विश्वास है कि इससे सरकार और उद्योग के बीच विश्वास मजबूत होगा. आज एक सरकार है, जो देश के लाभ के लिए जोखिम उठाने को तैयार है.”

उद्योग को भारत की विकास गाथा का एक प्रमुख हिस्सा बताते हुए, पीएम मोदी ने उल्लेख किया कि इसके प्रयासों के कारण अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है और फिर से गति पकड़ रही है.

उन्होंने कहा कि भारत रिकॉर्ड एफडीआई प्राप्त कर रहा है और एफपीआई निवेश भी सरकार के प्रयासों से नए रिकॉर्ड बना रहा है.

उन्होंने कहा, “देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर है.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘नया भारत’ नई दुनिया के साथ बढ़ने के लिए तैयार और प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि भारत, जो कभी विदेशी निवेश से आशंकित था, आज सभी प्रकार के निवेशों का स्वागत कर रहा है और आज व्यापार करने में आसानी की रैंकिंग में बड़ी छलांग लगा रहा है.

उन्होंने कहा कि एक समय था, जब विदेशी उत्पादों को अधिक उपयुक्त माना जाता था और भारतीय ब्रांडों को स्थापित होने में वर्षों लग जाते थे, उन्होंने कहा कि चीजें अब बहुत तेजी से बदल रही हैं.

उन्होंने कहा, “उद्योग को ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में आगे बढ़ते हुए, इसके अनुसार अपनी नीतियां और रणनीतियां बनानी होंगी.”

उन्होंने कहा कि देशवासियों का भरोसा भारत में बने उत्पादों के साथ है और हर भारतीय ऐसे उत्पादों को अपनाना चाहता है, हालांकि उन उत्पादों को बनाने वाली कंपनी जरूरी नहीं कि भारतीय हो.

बैठक के दौरान उद्योग जगत के नेताओं ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता की सराहना की.

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सीआईआई की यह बैठक 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी का अमृत महोत्सव के बीच हो रही है.

उन्होंने कहा कि यह नए प्रस्तावों और भारतीय उद्योग के नए लक्ष्यों के लिए एक बड़ा अवसर है.

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता की बड़ी जिम्मेदारी भारतीय उद्योगों पर है और उन्होंने महामारी के दौरान उद्योग के लचीलेपन के लिए उनकी सराहना की.

प्रधान मंत्री ने कहा कि अतीत की लालफीताशाही को व्यापार करने में आसानी सूचकांक में उल्लेखनीय वृद्धि से बदल दिया गया है.

उन्होंने श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में युक्तिसंगत बनाने का उल्लेख किया और कहा कि कृषि, जिसे केवल आजीविका का साधन माना जाता था, को सुधारों के माध्यम से बाजारों से जोड़ा जा रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भारतीय युवा किसी क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें वह झिझक नहीं होती है. वे कड़ी मेहनत करना चाहते हैं, जोखिम लेना चाहते हैं और परिणाम लाना चाहते हैं. ऐसा ही विश्वास आज भारत के स्टार्टअप्स में हैं.

मोदी ने कहा कि यह देखते हुए कि 6-7 साल पहले संभवतः 3-4 यूनिकॉर्न की तुलना में आज भारत में 60 यूनिकॉर्न हैं, उन्होंने कहा कि इनमें से 21 यूनिकॉर्न पिछले कुछ महीनों के दौरान उभरे हैं.

उन्होंने कहा, “यूनिकॉर्न, अपने क्षेत्रों की विविधता के साथ, भारत में हर स्तर पर बदलाव का संकेत देते हैं. स्टार्टअप के लिए निवेशकों की प्रतिक्रिया जबरदस्त रही है और यह संकेत देता है कि भारत में विकास के असाधारण अवसर हैं.”

संसद सत्र के दौरान की गई पहलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि फैक्टरिंग रेगुलेशन संशोधन विधेयक से छोटे कारोबारियों को कर्ज मिलने में मदद मिलेगी और जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम संशोधन विधेयक छोटे जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा.

यह उल्लेख करते हुए कि जीएसटी इतने वर्षों से अटका हुआ थ,ा क्योंकि पिछली सरकारें राजनीतिक जोखिम लेने का साहस नहीं जुटा सकीं, उन्होंने कहा कि न केवल जीएसटी लागू किया गया है, बल्कि देश में रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह देखा जा रहा है.