नई दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की नई रिपोर्ट में कहा गया कि इस वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 12.5 प्रतिशत के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर बढ़ने का अनुमान है.अनुमानों की सूची में भारत को शीर्ष पर रखा गया है, जो वर्तमान और अगले वर्ष में कोरोना महामारी के सदमे से उबर जाएगा.
आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार, भारत 2021 में 12.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन जाएगा. चीन 8.4 के साथ दूसरे स्थान पर रहेगा. 2022 तक भारत में 6.9 और चीन में क्रमशः 5.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जाएगी.
चीन की तुलना में भारत की अनुमानित विकास दर 4.1 प्रतिशत अधिक है, जो 8.4 प्रतिशत के साथ आगे है.हालाँकि, भारत और चीन को देखते समय ध्यान में रखना चाहिए कि चीन एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था थी जिसकी पिछले साल 2.3 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि हुई थी, जबकि शेष विश्व खतरे के निशान से भी नीचे थे.
स्पेन अपनी अर्थव्यवस्था के साथ -11 प्रतिशत विकास दर के साथ सबसे खराब स्थिति वाला देश था.आईएमएफ के ब्लॉग पर गीता विश्वनाथन के लेख ‘‘विविध अर्थव्यवस्थाओं का प्रबंधन‘‘ कई देशों में कोरोवायरस के खिलाफ टीकों के प्रशासन द्वारा उत्पन्न सकारात्मक भावना के कारण महामारी से विश्व अर्थव्यवस्थाओं की वसूली के नए अनुमानों पर लिखे हैं.
वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था 2021 में और भी तेजी से ठीक हो जाएगी और 2022 में 4.4 प्रतिशत रहेगी. विश्व की संचयी अर्थव्यवस्था 2020 में -3.3 प्रतिशत के अनुमानित ऐतिहासिक संकुचन से प्रभावित हुई थी.
हालांकि, विश्वनाथन ने महामारी से विश्व अर्थव्यवस्था को जारी चुनौतियों की चेतावनी दी है. अपने लेख में कहा कि महामारी से उबरने से अमीर और गरीब देशों में जीवन स्तर के बीच अधिक अंतर पैदा होगा.