मुंबई. आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को मुंबई की एक अदालत से शुक्रवार को जमानत मिल गई है.
अदालत ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर को सशर्त जमानत देते हुए हिदायत दी कि वह उसकी अनुमति लिए बिना देश से बाहर नहीं जा सकती हैं.
कोचर शुक्रवार को यहां आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन ऋण मामले में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश हुईं और अपने वकील विजय अग्रवाल के माध्यम से जमानत के लिए आवेदन किया.
अदालत ने उन्हें पांच लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी.
अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया, “उनके खिलाफ ईडी के पास कोई सामग्री नहीं है. तकनीकी रूप से कहा जाए, तो इस मामले में उन्हें आरोपी नहीं बनाया जा सकता है.”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा वह एक महिला हैं और उन्होंने जांच के दौरान सहयोग किया है, इसलिए वह पीएमएलए की धारा 45के तहत प्रावधान से कवर्ड हैं.”
यह मामला जून 2009और अक्टूबर 2011के बीच वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन समूह से जुड़ी चार अन्य कंपनियों के 1,875करोड़ रुपये के छह ऋणों को मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है.
चंदा दो ऋणों का अनुमोदन करने वाली समिति में थीं. इसमें 26अगस्त, 2009को वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300करोड़ रुपये और 31अक्टूबर, 2011को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750करोड़ रुपये का ऋण शामिल है.
यह आरोप है कि ऋण बैंक की निर्धारित नीति और नियमों के का उल्लंघन करते हुए जारी किए गए थे.
ईडी ने चंदा के पति दीपक कोचर को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया था.
पिछले साल नवंबर में ईडी ने आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन ऋण मामले में अपनी पहली चार्जशीट दायर की, जिसमें चंदा कोचर, दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रमुख वेणुगोपाल धूत और सात कंपनियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नामजद किया गया.
ईडी के अनुसार, वित्तीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट में वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (वीआईईएल), वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नूपावर और सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को भी नामजद किया है.