कश्मीर में युवा उद्यमिता का चेहरा हैं अंबरीन नवाज

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 10-02-2021
अंबरीन नवाज हैं कश्मीर में उद्यमिता की नई मिसाल (फोटोः अनु रॉय)
अंबरीन नवाज हैं कश्मीर में उद्यमिता की नई मिसाल (फोटोः अनु रॉय)

 

अनु रॉय/ श्रीनगर    

कश्मीर का नाम सुनते ही झेलम-चिनाब और देवदार के अलावा एक चीज़ जो आंखों के सामने उभर आती है वह हैः फिरन. हाँ, फिरन वही होता है लंबा कुर्ता जैसा, जिसमें कश्मीर की खूबसूरत गुलाबी-सी लड़कियां किसी परी सरीखी दिखती हैं. लेकिन इन परी जैसी लड़कियों के लिए कश्मीर में रहते हुए सपने देखना और उन्हें पूरा कर पाना आसान नहीं था.

ख़ासकर, कश्मीर में आतंकवाद की वजह से जैसे हालात रहे हैं उन्हें देखते हुए सपनों के बारे सोचना ही अपने-आप में एक बड़ी बात है तो तामील करने की कौन सोचे?

पर अंबरीन नवाज के सपनों को तो पंख लगे थे. मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखना और उस पर भी लड़की होने की वजह से कारोबार करने की सोचना वाकई आसान नहीं था. वह बताती हैं कि लोगों ने उनसे कहा भी, लड़की होकर बिज़नेस करोगी? ख़ानदान में आज से पहले किसी ने ऐसा नहीं किया? तुम जो दुकान डालने की सोच रही हो ,हमारा समाज क्या कहेगा? कई बिन मांगी सलाहें भी मिलीं, "ग्रेजुएशन पूरी करके कोई ढंग की नौकरी ढूंढ लो."

फिर अंबरीन ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करके नौकरी की तलाश में निकली तो वहां माहौल कुछ और ही था. सुनने को मिला, "आप सिर्फ़ ग्रेजुएट हैं हम आपको क्यों नौकरी दें? हमारे यहाँ पीजी और मास्टर्स किए लोग बैठे हैं."

अंबरीन निराश हुई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने उस ऑफ़िस से निकलते हुए तय कर लिया, अब और नौकरी की तलाश में नहीं भटकना. अब मैं ऐसा कुछ करूँगी जिससे दूसरे लोगों को नौकरी मिल सके.

और फिर शुरू हुई अंबरीन नवाज़ के ऑनलाइन स्टोर ‘द ग्रांड अटायर’ की कहानी.

अंबरीन बताती हैं कि उनके दादा, अब्बू और भाईजान सब बिज़नेस में हैं तो उन्होंने घरवालों के सामने अपना खुद का कुछ शुरू करने की बात रखी. लेकिन किसी ने उस बात को ख़ास तवज़्ज़ो नहीं दिया.

उन दिनों कश्मीर में खूब ठंड पड़ रही थी तो वह अपने किसी रिश्तेदार के घर दुबई चली गईं और वहां से लौटते हुए वह कुछ फिरन यानी कश्मीरी पोशाक लेकर लौटीं. अब उनके पास कुछ फिरन तो थे लेकिन उसे बेचे कैसे यह ख़्याल उन्हें परेशान कर रहा था. फिर सोशल मीडिया के इस्तेमाल का ख्याल आया.

उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक प्रोफ़ायल बनाया और अपने साथ लाए फिरन की तस्वीरें शेयर कर दीं.

अंबरीन को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें कोई ख़रीददार भी मिलेगा वहाँ लेकिन उम्मीद के उलट उनके लाए सारे फिरन हाथों-हाथ बिक गए. उसके बाद उन्हें अपने कस्टमर्स के मैसेज आने लगे कि हमें और फिरन चाहिए. लोग इन फिरन को खरीदने से पहले उसे ट्राई भी करना चाहते थे.

तब तक अंबरीन के पास थोड़े पैसे भी इकट्ठे हो गए थे तो उन्होंने अपने घर के पास ही लाल बाज़ार में एक छोटा-सा कमरा किराए पर ले लिया और फिर लोकल कस्टमर वहां आने लगे. धीरे-धीरे करके फिरन की बिक्री बढ़ने लगी तो लोग कस्टमाईज़ फिरन के लिए ऑर्डर करने लगे.

तब अंबरीन ने सोचा कि क्यों नहीं वह अपने घर के आस-पास की लड़कियों को भी काम दे. उन्होंने इंस्टाग्राम के ज़रिए ऐसी लड़कियों को अप्रोच किया जो अपने लिए कुछ करना चाहती थीं, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थीं. फिर कश्मीरी कढ़ाई की एक कला तिल्ला जानने वाली लड़कियों को भी पूछा कि क्या वह उनके लिए काम करना चाहेंगी? और जवाब था हाँ.

उसके बाद अंबरीन ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.

आज पूरे भारत में The Grand Attire फिरन की डिलीवरी कर रहा है. अंबरीन ऑनलाइन स्टोर के ज़रिए कई लोगों को काम देने में कामयाब हो रही हैं. उनकी गिनती कश्मीर के उभरते बिज़नेस-वूमन के रूप में की जाने लगी है.

वही लोग जो कल तक कह रहे थे कि लड़की होकर क्या बिज़नेस करेगी आज अपनी बेटियों को भी सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए उनका साथ दे रहें हैं. अंबरीन का वह छोटा-सा स्टोर सिर्फ़ फिरन की दुकान नहीं, बल्कि सपनों के पंख है जो घाटी के लड़कियों को अपना आसमान खुद मापने की आज़ादी दे रहा है.

आज अंबरीन अपनी एक मास्टर्स डिग्री पूरा कर चुकी हैं और अब सोशल-वर्क में मार्स्टर्स की दूसरी डिग्री पूरा करने वाली है.

अंबरीन नवाज़ की कहानी घाटी में हो रहे बदलाव की कहानी है.