चीन के उइगर मुसलमानों को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ी हुई है। कहा जा रहा है कि ट्रम्प सरकार में उइगर मुसलमानों को लेकर कई बार चिंता व्यक्त की गई। इस मसले पर अमेरिका की तरफ से चीन को कड़ा संदेश देने का भी प्रयास किया गया। मगर ज़मीनी स्तर पर सार्थक प्रयास नहीं हुए। नतीजतन चीन में उइगर मुसलमानों का मानसिक, शारीरिक दोहन निरंतर जारी है।मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जा रहा है। विश्व विरादरी के एक वर्ग को लगता है जो बाइडेन की सरकार उइगर मुसलमानों को लेकर कुछ ठोस करेगी। वैसे , चीन समर्थक अमिरिक को फलस्तीन की याद दिला रहे हैं कि कैसे इस्राइल की तरफ से उनपर अत्याचार किए जा रहे हैं। गर्ज़ यह कि उइगर मुसलमानों के मुद्दे पर विश्व बंटा हुआ है।